दिल्ली चुनाव के बहाने सिख छवि को बदनाम करने पर तुला तजिंदर पाल सिंग बग्गा
सिख को सिख के साथ लडाने के लिए कोई ना कोई नए पगडीधारी सिख को ढूंड कर सिख-विरोधी और सिखी- विरोधी बयान दिलाना भारतीय निज़ाम का पुराना दाउ- पेच है। इस दाउ-पेच का नया चहरा है तजिंदर पाल सिंग बग्गा जिस को दिल्ली विधान सभा चुनाव के लिए हरि नगर ईलाका से भारतीय जनता पार्टी का प्रतियाशी बनाया गया है। भारतीय निज़ाम द्वारा इसे सिखों के दिल-दिमाग पर असर डालने की लगातार की जा रही घिनोनी कोशिशों के रूप में देखा जाना चाहिए। वल्र्ड सिख न्यूज़ के सम्पादक जगमोहन सिंग ने बताया है की कैसे तजिंदर पाल सिंग बग्गा को सिख जनतक जीवनी में लाया गया है और वह सिखों को खबरदार करते है की इस तरह के लोगो से दूर रहा जाए क्यों की यह सिख पहिचान के लिए बहुत बडा खतरा है।
तजिंदर पाल सिंग बग्गा भारत के प्रधान मंत्री नरिंदर मोदी के करीबी होने का खूब ढंका बजाता है। उसने अपने जनतक जीवन की शुरूआत पूर्व आप नेता और जाने-माने वकील प्रशांत भूशाण को अपश्बद बोल कर और धक्का मुक्की कर शुरू किया था। पिछले कुछ सालों से वह टविटर पर फूट डालने वाले बयानो से चर्चा में है। इस लिए कोई शक नही की भारतीय जनता पार्टी ने इस मुंहफट नोजवान सिख को उन सिखों की तरज पर उभारने की कसम खाई है जो सिख भेस में सिखों को बदनाम करते है और रोज नए विवाद खडे करते है।
तजिंदर पाल सिंग बग्गा की कारगुज़ारी, स्वभाव और बोल-चाल इस बात का मुंह बोलता सबूत है की उस का झुकाव फासीवादी है और भाजपा ने उसे बाखूबी तयार किया है। हाल ही में उस का यह कहना की अगर उस की पार्टी जीत गई तो वह शाहीन बाग में जा के सरजीकल स्ट्राइक करेगा एक घटीया बयान है। यह शब्द बोल कर तजिंदर पाल सिंग बग्गा ने सिखी को शर्मसार किया है क्योंकी सिखी सिखाती है की बिनां जात और धर्म के भेद भाव से मज़लूम के साथ उस के हक्क के लिए दलेरी से खडा होना चाहिए। यही गुरू तेग बहादुर पातशाह की सीख है।
तजिंदर पाल सिंग बग्गा मुसलमान-विरोधी बयान दे कर दुनियां को खुश करने का प्रयास कर रहा है।
जब हम दिल्ली के अकालीयों को उस के हक्क में प्रचार करते देखते है तो एक डर पैदा होता है की हम ऐसे व्यक्ति को उभार रहे हैं जिसने आने वाले समय में सिख मुफाद का नुक्सान करना है जैसे वह अब अपने बयानो द्वारा सिख छवि को नुक्सान पहुंचा रहा है।
“तजिंदर पाल सिंग बग्गा की कारगुज़ारी स्वभाव और बोल चाल इस बात का मुंह बोलता सबूत है की उस का झुकाव फासीवादी है और भाजपा ने उसे बाखूबी तयार किया है।”
इस में कोई शक नही है की वह अपनी पार्टी की नफरत-भरी, धोकाधडी से प्रेरित नीतीयों पर चल रहा है पर वह भूल जाता है की उस की पगडी द्वारा वह जल्द ही पहचाना जाता है। दिल्ली, पंजाब और दुनियां भर के सिख उसकी हरकतों से जागरूक हैं और उस की भददी कारवाईयों को बिलकुल पसंद नही करते।
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ਦਿੱਲੀ ਚੋਣਾਂ ਬਹਾਨੇ ਸਿੱਖ ਪਹਿਚਾਣ ਨੂੰ ਢਾਅ ਲਾਉਣ ਲੱਗਾ ਤਜਿੰਦਰ ਪਾਲ ਸਿੰਘ ਬੱਗਾ
सिख इतिहास गवाह है की बडे ही तरतीब के साथ हिन्दुस्तान का निज़ाम सिख कौम के खास मसलों और मुद्दों में दुबिधा डालने के लिए तजिंदर पाल सिंग बग्गा जैसे सिखों को उभारता है तांकी उन मसलों के बारे में बेतरतीबी और अनउचित बयान दीए जा सकें और सिखों में फूट डाली जा सके।
इस निज़ाम की पहुंच इतनी बड़ गई है की पिछली सदी के 80वे दशक में मास्टर तारा सिंग अकाली दल के रशपाल सिंग से ले कर अब उस ने सिखों की सबसे बडी राजनीतीक पार्टी शिरोमनी अकाली दल, उस के अलग-अलग धडे और नई पार्टी जागो दल मे भी सीधी घुसपैठ कर ली है। सिख दलो की इस तरह की बेशर्मी ने सिख दिलों को दुःखी किया है।
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Tejinder Bagga is the new coronavirus striking Sikh image in Delhi
इस कारन इस नफरत भरी सोच के मालिक और भाजपा के सिख दाउ-पेच के इस नए नायक से जितना दूर रहा जाए अच्छा है। उस की कारवाईयों और हरकतों से खबरदार रहने की जरूरत हैं। खबरदार!
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