दिल्ली चुनाव में सिक्ख, मुसलिम, तामिल, दलित, तथा जिम्मेवार हिन्दू भाजपा को हराएं
लड़ाई सच बनाम झूठ की, प्यार बनाम नफरत की, इज्जत बनाम झूठी तरक्की की, विरोध बनाम दवाब की, अलग विचार बनाम जबरदस्ती की। उन्होने बना दी है शाईन बाग बनाम अयोध्या मंदिर की। आज रात सोचना है और फैसला करना है। अपने दिल और दीमाग से काम लेकर होश के साथ नफरत की आंधी को रोकना है। सभी अल्पसख्यकों को-सिक्ख, मुसलिम, तामिल, दलित, तथा जिम्मेवार हिन्दू भाजपा को चलता करें।
एवीएम का बटन इतने जोर से दबाए की उस का करंट शाईन बाग से उठ कर दिल्ली की सत्ता के गलियारों तक पहुंचे और जिस से भारतीय जनता पार्टी की हार हो। सभी सिक्ख, मुसलिम, तामिल, दलित तथा जिम्मेवार हिन्दू एकसुर होकर वोट डालें जिससे भाजपा की बांटने की सियासत खतम हो सके।
जून 1984 के पंजाब, नवम्बर 1984 की दिल्ली, 1992 की मुम्बई, 2002 का गुजरात और 2020 का जामीया दुबारा नहीं होना चाहिए, इस लिए दिल्ली चुनाव में भाजपा को हराना जरूरी है।
शाईन बाग की बजुर्ग महलायों, बहनों, और बच्चियों का कर्जा चुकाना होगा। जामीया के उन विद्यार्थियों के दर्द के साथ हमदरदी जतानी होगी। जिन्हे पुलिस वेष्यत का शिकार बनाया गया। तुम्हे याद करना होगा के आज भी कई सौ मुसलिम उत्तर प्रदेष की जेलों में नजरबन्द हैं। तुम्हारी आवाज इतनी बुलन्द होनी चाहिए की वह कर्नाटका में बिदर तक पहुंचे जहां पर एक 11 साल की मुसलिम बच्ची की मां को इस लिए गिरफ्तार किया गया है की उसने स्कूल में सी.ए.ए. के खिलाफ के एक नाटक में भाग लिया था। जामीया के उन विधार्थियों को भी याद रखना होगा जिनहोने पुलिस की मार में अपनी एक आंख गवाई उन कशमीरी विद्यार्थी को भी याद रखना होगा जिस पर भाजपा के गुंडो ने गोली चलाई।
25 लाख मुसलिम, 5 लाख सिक्ख, 4 लाख पंजाबी, 3 लाख दलित, 21 लाख तामिल जब एक साथ मिलकर फैसला करेंगें तब इस मुल्क की राजनीति को बदलने की तरफ पहला कदम होगा।
पूरे हिन्दूस्तान को सरकार बदलने के लिए 2024 तक इन्तजार करना होगा दिल्ली के लोग इसका फैसला कल कर सकते हैं की उन कैसा भविश्य चाहीए।
तुमको व अपना समझते ही नहीं हैं। तुम्हारा और नुकसान कर सकते हैं।
25 लाख मुसलिम, 5 लाख सिक्ख, 4 लाख पंजाबी, 3 लाख दलित, 21 लाख तामिल जब एक साथ मिलकर फैसला करेंगें तब इस मुल्क की राजनीति को बदलने की तरफ पहला कदम होगा।
8 फरवरी 2020। भाजपा को हराओ।